उत्तर प्रदेश में हाल के वर्षों में हाईवे निर्माण के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का तेजी से विकास हो रहा है। इन परियोजनाओं से न केवल कनेक्टिविटी में सुधार हो रहा है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। किसानों को भूमि अधिग्रहण के बदले मुआवजा मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है।
उदाहरण के लिए, बिजनौर जिले में तीन नए राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए 195 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इस प्रक्रिया में किसानों को लगभग 1,325 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है, जिससे उनकी जीवनशैली में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। गांवों में अब आधुनिक मकान बन रहे हैं, जो शहरी क्षेत्रों की तरह सुसज्जित हैं।
इसी प्रकार, कानपुर से सागर तक 112 किलोमीटर लंबे ग्रीन हाईवे का निर्माण प्रस्तावित है, जो 96 गांवों से होकर गुजरेगा। इस परियोजना से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से आने-जाने वाले भारी वाहनों को सुविधा मिलेगी, जिससे ट्रैफिक का दबाव कम होगा और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
इसके अलावा, गोरखपुर से शामली तक 700 किलोमीटर लंबे हाईवे का निर्माण प्रस्तावित है, जो प्रदेश के 15 जिलों से होकर गुजरेगा। इस परियोजना से सैकड़ों गांवों को लाभ होगा, जिससे स्थानीय किसानों को मुआवजा मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
इन परियोजनाओं से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश में हाईवे निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो रहा है। इससे न केवल यातायात में सुधार हो रहा है, बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि हो रही है, जिससे राज्य की समग्र प्रगति सुनिश्चित हो रही है।
बिजनौर जिले में जिन गांवों की भूमि का अधिग्रहण हाईवे निर्माण के लिए किया गया है, उनमें से कुछ प्रमुख गांव हैं
- नजीबाबाद
- धामपुर
- किरतपुर
- स्योहारा
- चांदपुर
- मण्डावर
- बढ़ापुर
- जलीलपुर
- हल्दौर
- नूरपुर
कानपुर से सागर ग्रीन हाईवे से प्रभावित कुछ गांव:
- सचेंडी
- घाटमपुर
- पतारा
- रसूलाबाद
- भोगनीपुर
- पुखरायां
- महाराजपुर
- शिवराजपुर
- बिल्हौर
- चौबेपुर
गोरखपुर से शामली हाईवे से जुड़ने वाले गांव:
- बड़हलगंज
- सहजनवां
- बेलघाट
- खजनी
- बांसगांव
- संतकबीर नगर
- मेंहदावल
- हर्रैया
- भिनगा
- श्रावस्ती