Sukanya Samriddhi Yojana 67 Lakh Rupees

Sukanya Samriddhi Yojana 67 Lakh Rupees

सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार की उन योजनाओं में से एक है जिसने लाखों परिवारों को अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने का भरोसा दिया है। जब भी कोई अभिभावक अपनी बेटी के जन्म के बाद उसके लिए बेहतर बचत विकल्प की तलाश करता है तो सबसे पहले सुकन्या समृद्धि योजना का नाम सामने आता है। यह योजना न सिर्फ एक साधारण बचत खाता है बल्कि यह एक सुरक्षित निवेश का जरिया है, जहां पर अभिभावक थोड़ी-थोड़ी रकम जमा करके आगे चलकर अपनी बेटी के लिए बड़ी पूंजी तैयार कर सकते हैं। खास बात यह है कि इस योजना में लंबे समय तक निवेश करने पर लगभग 67 लाख रुपये तक का फंड तैयार हो सकता है, जो किसी भी परिवार के लिए एक बड़ा सहारा है।

भारत में अक्सर बेटियों की पढ़ाई और शादी को लेकर परिवारों पर आर्थिक बोझ की चर्चा होती रही है। ऐसे समय में अगर कोई सरकारी योजना इस जिम्मेदारी को आसान बना दे तो यह राहत की बात होती है। इस योजना में अभिभावक अपनी बेटी के नाम पर खाता खुलवाकर सालाना कम से कम 250 रुपये से लेकर अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं। जमा की गई राशि पर मिलने वाला ब्याज चक्रवृद्धि के आधार पर जुड़ता जाता है और यहीं से बड़ी राशि बनती है। यही वजह है कि सुकन्या समृद्धि योजना 67 लाख रुपये तक का फायदा दिलाने वाली योजना मानी जाती है।

अगर कोई व्यक्ति लगातार 15 साल तक इस योजना में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा करता है तो खाता परिपक्व होने तक यानी 21 साल की अवधि पूरी होने पर करीब 66-67 लाख रुपये तक की रकम मिल सकती है। यह गणना सरकार द्वारा तय किए गए ब्याज दरों पर आधारित होती है, जो समय-समय पर बदलती रहती है। वर्तमान समय में ब्याज दर लगभग 8% के आसपास है और यह सामान्य बचत या फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में काफी ज्यादा है। इसी वजह से माता-पिता को यह योजना बेहद आकर्षक लगती है क्योंकि इसमें जोखिम शून्य है और गारंटी सरकार की होती है।

बेटी के जन्म से लेकर उसकी शिक्षा और शादी तक का सफर लंबा होता है। इस बीच आर्थिक रूप से तैयार रहना जरूरी होता है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई अभिभावक अपनी बच्ची के जन्म के तुरंत बाद खाता खुलवाता है और हर साल निर्धारित अधिकतम रकम जमा करता है तो जब बेटी 21 साल की होगी तब उसके हाथ में एक मजबूत आर्थिक आधार होगा। इस आधार से वह उच्च शिक्षा, करियर की तैयारी या फिर शादी जैसे बड़े खर्च पूरे कर सकती है। यही वजह है कि कई वित्तीय सलाहकार भी माता-पिता को यह योजना अपनाने की सलाह देते हैं।

इस योजना का एक बड़ा लाभ कर छूट है। इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत इसमें जमा की गई रकम पर 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है। न सिर्फ जमा राशि बल्कि ब्याज और मैच्योरिटी की रकम भी पूरी तरह टैक्स फ्री होती है। इसका मतलब है कि यहां पर न कोई टैक्स का बोझ है और न ही किसी प्रकार का जोखिम। यही वजह है कि सुकन्या समृद्धि योजना को भारत में बेटियों के लिए सबसे बेहतरीन निवेश योजनाओं में से एक माना जाता है।

कुछ लोगों का सवाल यह होता है कि क्या यह योजना लचीली भी है। दरअसल, इसमें जरूरत पड़ने पर आंशिक निकासी की सुविधा भी है। जब बेटी 18 साल की हो जाती है तो उसकी उच्च शिक्षा के लिए जमा रकम का 50% तक निकाला जा सकता है। इसका मतलब यह है कि यह योजना केवल शादी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बेटी की पढ़ाई को भी मजबूत आधार देती है।

अगर अभिभावक नियमित रूप से छोटी-छोटी किस्तें जमा करते हैं तो उन्हें अंत में बड़ी रकम देखने को मिलती है। मान लीजिए कोई परिवार हर महीने सिर्फ 12,500 रुपये इस योजना में जमा करता है, तो 15 साल में कुल 22.5 लाख रुपये की निवेश राशि बनती है। ब्याज जोड़ने के बाद यह रकम बढ़कर करीब 67 लाख रुपये तक पहुंच जाती है। यह आंकड़ा सुनने में बड़ा जरूर लगता है लेकिन इसकी बुनियाद अभिभावकों के छोटे-छोटे प्रयासों पर ही टिकती है।

यह योजना खासकर मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए वरदान की तरह है, क्योंकि यहां महंगाई और शिक्षा के खर्च को देखते हुए किसी भी बेटी का भविष्य सुरक्षित करना मुश्किल होता जा रहा है। इस योजना में बचत करने वाले अभिभावकों को मानसिक शांति भी मिलती है कि उनकी बेटी का भविष्य आर्थिक रूप से सुरक्षित है।

हालांकि, इस योजना की कुछ सीमाएं भी हैं। खाता केवल बेटी के नाम पर ही खुल सकता है और एक परिवार में दो बेटियों के लिए ही अधिकतम खाते खोले जा सकते हैं। साथ ही, राशि केवल बेटी की शिक्षा और शादी के लिए ही उपयोग हो सकती है। इसका मतलब यह है कि अभिभावक चाहे तो इस रकम को किसी और उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते। कुछ लोग इसे एक तरह की पाबंदी मानते हैं, लेकिन यही पाबंदी इस योजना को खास भी बनाती है क्योंकि यह रकम केवल बेटी के लिए ही सुरक्षित रहती है।

अगर हम गहराई से देखें तो सुकन्या समृद्धि योजना 67 लाख रुपये का सपना हर उस परिवार के लिए है जो अपनी बेटी को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना चाहता है। यह योजना न सिर्फ पैसों की बचत है बल्कि यह एक सोच है बेटी की शिक्षा और उसके उज्ज्वल भविष्य को मजबूत बनाने की। जब सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी तो इसका मकसद “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को मजबूती देना था और आज यह योजना उसी दिशा में बड़ा कदम साबित हो रही है।

आखिरकार, यह कहना गलत नहीं होगा कि यह योजना सिर्फ एक निवेश नहीं है बल्कि माता-पिता की उम्मीदों और सपनों को पूरा करने का माध्यम है। आज जब लोग भविष्य को लेकर असुरक्षा महसूस करते हैं, तब सुकन्या समृद्धि योजना भरोसे और स्थिरता का प्रतीक बनकर उभरती है। छोटे-छोटे कदम उठाकर अभिभावक अपनी बेटी के लिए एक ऐसा खजाना बना सकते हैं, जो 21 साल बाद उसके जीवन को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। यही वजह है कि इस योजना की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और आने वाले समय में भी यह बेटियों के सुनहरे भविष्य की गारंटी बनी रहेगी।

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