ओडिशा सरकार ने महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण के लिए सुभद्रा योजना का चौथा चरण शुरू कर दिया है। इस योजना का उद्देश्य गरीब और वंचित महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। चौथे चरण की सूची हाल ही में जारी की गई है, और लाभार्थियों को दिसंबर 2024 के अंत तक पहली किस्त प्राप्त होगी।
इस योजना के तहत, हर पात्र महिला को पांच वर्षों में कुल ₹50,000 की वित्तीय सहायता दी जाती है। यह राशि दो किस्तों में हर साल दी जाती है। योजना के चौथे चरण में लाभार्थियों की सूची को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया गया है, जिससे आवेदनकर्ताओं को पारदर्शिता और प्रक्रिया में आसानी हो सके।
सरकार की ओर से यह सुनिश्चित किया गया है कि योजना से जुड़ी सभी प्रक्रियाएँ मुफ्त रहें। साथ ही, ई-केवाईसी और हेल्पडेस्क की सुविधाएं प्रदान की गई हैं ताकि आवेदनकर्ताओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। अब तक योजना के तहत लाखों महिलाओं को आर्थिक मदद मिली है, और चौथे चरण में यह संख्या और बढ़ेगी।
चौथे चरण की सूची में अपना नाम देखने के लिए, महिलाएं योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने जिले और ब्लॉक का चयन कर सकती हैं। यहां से सूची डाउनलोड कर वे अपनी पात्रता सुनिश्चित कर सकती हैं। इसके अलावा, यदि आवेदन अस्वीकृत हो गया है, तो उसे पुनः सत्यापित करने की सुविधा भी प्रदान की गई है। अस्वीकृत सूची देखने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर विवरण दर्ज कर देख सकते हैं।
चौथे चरण में लाभार्थियों को उनकी पहली किस्त ₹5,000 सीधे बैंक खातों में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से दी जाएगी। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि चौथे चरण के अंतर्गत किसी भी प्रकार की अनियमितताओं को रोकने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं।
महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में सुभद्रा योजना को एक क्रांतिकारी पहल माना जा रहा है। यह योजना न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का एक साधन है, बल्कि उनके परिवारों के आर्थिक संतुलन को सुधारने का एक प्रभावी कदम भी है।
जो महिलाएं अब तक योजना का लाभ नहीं ले पाई हैं, वे मार्च 2025 तक आवेदन कर सकती हैं। इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, और पारिवारिक आय प्रमाण पत्र शामिल हैं। पात्रता के तहत केवल ओडिशा की निवासी महिलाएं, जिनकी पारिवारिक आय ₹2 लाख से कम है और जो सरकारी कर्मचारी परिवार से नहीं हैं, आवेदन कर सकती हैं।
सुभद्रा योजना के माध्यम से सरकार का लक्ष्य महिलाओं को सशक्त बनाकर राज्य में लैंगिक समानता और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देना है। यह पहल समाज में महिलाओं की स्थिति को सुधारने के साथ-साथ राज्य के विकास में भी एक अहम भूमिका निभा रही है।