up social media policy

Social Media Policy Uttar Pradesh घर बैठे कमाओ 8 लाख महीने

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में social media policy Uttar Pradesh पेश की है जो न केवल डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के उपयोग को बढ़ावा देती है बल्कि इसके माध्यम से एक शानदार कमाई का मौका भी प्रदान करती है। इस नीति के अंतर्गत सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को राज्य की योजनाओं और उपलब्धियों का प्रचार करने पर हर महीने 8 लाख रुपये तक कमाने का अवसर मिलेगा।

क्या है यह Social Media Policy Uttar Pradesh?

उत्तर प्रदेश की 2024 की social media policy का मुख्य उद्देश्य राज्य की योजनाओं और विकास कार्यों को सोशल मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुंचाना है। इसके लिए सरकार इन्फ्लुएंसर्स को उनकी फॉलोअर संख्या के अनुसार विज्ञापन के लिए भुगतान करेगी। यह नीति विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे YouTube, Facebook, Instagram, और X (पूर्व में ट्विटर) पर लागू होगी।
YouTube पर वीडियोस के लिए 8 लाख रुपये, शॉर्ट्स के लिए 7 लाख रुपये और पॉडकास्ट के लिए 6 लाख रुपये तक की अधिकतम सीमा तय की गई है। इसी प्रकार, Facebook पर अधिकतम 4 लाख रुपये और Instagram पर 3 लाख रुपये तक की सीमा रखी गई है​

नौकरी के नए अवसर

इस नई नीति के कारण उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया जॉब्स के अवसर भी तेजी से बढ़ेंगे। राज्य सरकार के अनुसार, यह नीति राज्य के युवाओं और इन्फ्लुएंसर्स के लिए एक बड़ा मौका है। न केवल बड़े इन्फ्लुएंसर्स, बल्कि छोटे फॉलोअर्स वाले अकाउंट्स के लिए भी यह नीति फायदेमंद साबित हो सकती है।
यूपी सोशल मीडिया जॉब्स के तहत राज्य सरकार द्वारा खासतौर पर उन इन्फ्लुएंसर्स को प्राथमिकता दी जाएगी जो सकारात्मक और विकासात्मक सामग्री को बढ़ावा देंगे। इससे राज्य में रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे और कई युवाओं को डिजिटल माध्यम से आय अर्जित करने का मौका मिलेगा।

सख्त नियम और शर्तें

हालांकि, इस नीति में सिर्फ कमाई के अवसर ही नहीं हैं, बल्कि कुछ सख्त नियम और शर्तें भी शामिल हैं। सरकार ने आपत्तिजनक, अश्लील, और देश-विरोधी सामग्री पोस्ट करने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया है।
सरकार ने साफ कर दिया है कि देश-विरोधी या आपत्तिजनक पोस्ट पर तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है। यह नियम उन इन्फ्लुएंसर्स और प्लेटफॉर्म्स पर लागू होगा जो अनुचित सामग्री शेयर करते हैं। सरकार का कहना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग विकासात्मक और सकारात्मक संदेशों के लिए किया जाना चाहिए, न कि विभाजनकारी और नकारात्मक संदेशों के लिए​

विरोध और आलोचना

जहां सरकार इस नीति को राज्य के विकास के लिए एक बड़ा कदम मानती है, वहीं विपक्षी दलों और आलोचकों का कहना है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने सवाल उठाते हुए कहा, “क्या सरकार की आलोचना को देश-विरोधी माना जाएगा?” विपक्ष का कहना है कि यह नीति सरकार की छवि को चमकाने के लिए बनाई गई है और इससे जनता के मुद्दों पर बोलने की आज़ादी पर खतरा पैदा हो सकता है​

क्या यह नीति युवाओं के लिए सही कदम है?

इस नीति के समर्थकों का मानना है कि इससे उत्तर प्रदेश के युवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर काम करने का एक सुनहरा अवसर मिलेगा।
यह नीति राज्य में डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने का भी एक साधन साबित हो सकती है। सरकार का कहना है कि इस नीति से राज्य के विकास को बढ़ावा मिलेगा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग सकारात्मक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
वहीं, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस नीति के कुछ प्रावधान, खासकर कठोर दंड की शर्तें, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अनावश्यक रोक लगा सकते हैं। इसलिए इस नीति के सफल होने के लिए यह जरूरी होगा कि इसे लागू करते समय सरकार संतुलन बनाए रखे।

निष्कर्ष:

Social Media Policy Uttar Pradesh एक महत्वपूर्ण कदम है जो न केवल डिजिटल मीडिया के विस्तार को बढ़ावा देगा बल्कि राज्य के युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। हालांकि, इस नीति के सख्त नियमों और शर्तों के कारण इसकी आलोचना भी हो रही है।

संबंधित FAQs:

उत्तर प्रदेश सोशल मीडिया पॉलिसी के तहत इन्फ्लुएंसर्स को कैसे भुगतान किया जाएगा?

सोशल मीडिया पॉलिसी के तहत इन्फ्लुएंसर्स को उनकी फॉलोअर संख्या और सामग्री की गुणवत्ता के आधार पर सरकार द्वारा विज्ञापन के लिए भुगतान किया जाएगा। YouTube, Facebook, और Instagram पर अलग-अलग भुगतान सीमाएं तय की गई हैं।

क्या सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की सामग्री पोस्ट की जा सकती है?

नहीं, सरकार ने सख्त नियम बनाए हैं। आपत्तिजनक, अश्लील, या देश-विरोधी सामग्री पोस्ट करने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।

क्या यह नीति केवल बड़े इन्फ्लुएंसर्स के लिए ही फायदेमंद है?

नहीं, छोटे फॉलोअर्स वाले इन्फ्लुएंसर्स भी इस नीति का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते वे राज्य सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों को बढ़ावा दें।

क्या सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करना अपराध माना जाएगा?

इस पर सरकार का कोई स्पष्ट बयान नहीं है, लेकिन आपत्तिजनक या देश-विरोधी सामग्री पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।

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