PMFME Scheme 10 LAKH RUPEES

PMFME Scheme 10 लाख रूपये से करे व्यापार शुरू

भारत सरकार की पहल PMFME यानी Pradhan Mantri Formalisation of Micro Food Processing Enterprises योजना का उद्देश्य छोटे खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों (micro food processing units) को संगठित क्षेत्र से जोड़ना है, उनकी क्षमता बढ़ाना है, आधुनिक उपकरण, प्रशिक्षण, ब्रांडिंग-मार्केटिंग आदि में मदद देना है।

जब आप इस योजना से जुड़ते हैं तो आपको ये फायदे मिलते हैं कि आपके यूनितों को 35% की क्रेडिट-लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी मिलेगी नए यूनिट खोलने या पुरानी यूनिट को उन्नत (upgradation/expansion) करने के लिए। (PMFME) साथ ही ब्रांडिंग और मार्केटिंग खर्चों का लगभग आधा हिस्सा सरकार द्वारा कवर किया जा सकता है। SHGs (Self-Help Groups) को Seed Capital भी मिलता है छोट-छोटे उपकरण लेने या कामकाजी पूंजी के लिए।

कुल लोन / ऋण राशि और सब्सिडी

  • अगर आप व्यक्तिगत उद्यमी हो (individual, SHG, FPO, Cooperative आदि) तो परियोजना लागत (eligible project cost) पर 35% सब्सिडी, और यह सब्सिडी अधिकतम ₹10 लाख प्रति यूनिट है।
  • यदि आप ग्रुप या कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए आवेदन कर रहे हैं (जैसे कि यूनिट क्लस्टर, कास्टिंग लाइन, कॉमन प्रोसेसिंग सेंटर आदि) तो अधिकतम परियोजना लागत अधिक हो सकती है, उदाहरण के लिए ₹3 करोड़ की सीमा भी लगाई गई है कुछ मामलों में।
  • SHGs को Seed Capital के रूप में ₹40,000 प्रति सदस्य तक देने का प्रावधान है, कुल मिलाकर SHG के लिए ₹4 लाख तक।

योग्यता

  • आवेदक की उम्र १८ वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
  • उद्यम/यूनिट का मालिक होना चाहिए, या उस संगठन में हो जिसमें आवेदन हो रहा है।
  • यदि SHG सदस्य हो, तो खाद्य प्रसंस्करण का कार्य पहले से कर रहा हो।
  • एक ही परिवार (स्वयं, पति/पत्नी, बच्चे) से अधिक किसी सदस्य को न हो आवेदन।
  • परियोजना लागत में कुछ हिस्सा खुद का होना चाहिए (प्रायः कम-से-कम 10%)।
  • कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थिति में कुछ शर्तें और अनुभव/टर्नओवर आदि देखे जाते हैं।

कैसे आवेदन करें

  • सबसे पहले PMFhttps://pmfme.mofpi.gov.in/ME पर जाएँ गोल “applicant registration / नया उपयोगकर्ता पंजीकरण” करें।
  • पंजीकरण के बाद लॉगइन करें, आवेदन फॉर्म भरें जिसमें नाम, पता, व्यवसाय का विवरण, लागत, उपकरणों की विवरणी, परियोजना रिपोर्ट (DPR) आदि जरूरी है।
  • बैंक या वित्तीय संस्थान के माध्यम से ऋण स्वीकृति लें। बैंक से ऋण की स्वीकृति के बाद सरकार द्वारा सब्सिडी की राशि ऋणदाता बैंक को दी जाती है।
  • परियोजना सेट-अप, उपकरण लगाना, उत्पादन शुरू करना आदि कार्य पूरा होने के बाद सब्सिडी की वास्तविक राशि बैंक खाते में आएगी।

प्रमुख लाभ

  • छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को आधुनिक उपकरण और तकनीकि सहायता मिलने से उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में सुधार होगा।
  • ब्रांडिंग-मार्केटिंग-पैकेजिंग में समर्थन से बाजार में पहचान बढ़ेगी, उत्पादों की कीमत और पहुँच दोनों बेहतर होंगे।
  • प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण से उद्यमियों को बेहतर बिजनेस प्रबंधन, खाद्य सुरक्षा मापदंड (food safety norms) आदि की जानकारी मिलेगी।
  • कामकाजी पूंजी और उपकरण खरीद में बजट कम पड़ेगा क्योंकि कुछ लागत सरकार वहन करेगी।
  • कई यूनिट्स को औपचारिक अर्थव्यवस्था से जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे बैंक ऋण के अवसर, सरकारी लाइसेंस, पंजीकरण आदि आसान होंगे।
  1. PMFME कौन कौन आवेदन कर सकता है?
    • SHGs, FPOs, Cooperatives, निजी उद्यमी (individual proprietorship/partnership) जो खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े हों, आवेदन कर सकते हैं।
  2. क्या राज्य-सरकार की भागीदारी है?
    • हाँ, केंद्र और राज्य सरकार खर्च साझा करते हैं। सामान्यतः यह अनुपात 60:40 है, जबकि उत्तर-पूर्वी देशों और हिमालयी राज्यों में यह 90:10 हो सकता है।
  3. क्या जमीन या पट्टेदार भवन शामिल है परियोजना लागत में?
    • नहीं, योजना में जमीन या पट्टा-भवन की लागत शामिल नहीं होती। मशीनरी और तकनीकी नागरिक निर्माण (technical civil works) शामिल होंगे, लेकिन civil works परियोजना लागत का ज़्यादा हिस्सा नहीं होना चाहिए।
  4. क्या कामकाजी पूंजी पर सब्सिडी मिलेगी?
    • नहीं, सब्सिडी मुख्यतः पूँजी निवेश (plant/machinery, technical civil works) पर होती है। कामकाजी पूँजी के लिए Seed Capital जैसी व्यवस्था SHGs के लिए है।
  5. अंतराल कितना समय लगेगा आवेदन से स्वीकृति तक?
    • समय अलग-अलग हो सकता है; बैंक दस्तावेज़ सत्यापन, DPR की जांच, बैंक तथा nodal एजेंसी की प्रक्रियाएँ पूरी होने में कुछ हफ्ते लग सकते हैं।

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