बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025 बेटियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने, शिक्षा को प्रोत्साहित करने और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
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योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं:
- बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना।
- बाल विवाह और भ्रूण हत्या रोकने के लिए जागरूकता फैलाना।
- संपूर्ण टीकाकरण और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना।
- लड़कियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना।
योजना के तहत मिलने वाले लाभ
- जन्म से स्नातक तक की सहायता:
- बच्ची के जन्म पर ₹2000।
- एक वर्ष की आयु पर ₹1000।
- टीकाकरण पूरा होने पर ₹2000।
- 12वीं पास करने पर ₹10,000।
- स्नातक पास होने पर ₹25,000।
- अन्य लाभ:
- सेनेटरी नैपकिन और यूनिफॉर्म के लिए भी सहायता राशि दी जाती है।
- बालिकाओं के लिए एक बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करना।
- राज्य में शिक्षा का स्तर सुधारने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।
पात्रता शर्तें
- आवेदिका बिहार की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
- परिवार की अधिकतम दो बेटियां ही इस योजना के लिए पात्र हैं।
- 12वीं कक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
- योजना का लाभ सभी जाति, धर्म, और वर्ग की बेटियों को मिलता है।
आवेदन प्रक्रिया
- ऑनलाइन प्रक्रिया:
- ई-कल्याण पोर्टल (edudbf.bih.nic.in) पर लॉगिन करें।
- आवश्यक दस्तावेज़ जैसे जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, और फोटो अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करने के बाद सत्यापन प्रक्रिया पूरी करें।
- आवेदन की स्थिति को पोर्टल पर नियमित रूप से जांचें।
- जरूरी दस्तावेज़:
- बेटी का आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र।
- माता-पिता का पहचान पत्र।
- बैंक खाता पासबुक और मोबाइल नंबर।
- 12वीं और स्नातक की मार्कशीट।
योजना से जुड़े बदलाव और नवीनतम जानकारी
2025 में इस योजना को और अधिक डिजिटल और आसान बनाया गया है। माता-पिता अब अपने मोबाइल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, अब यह सुनिश्चित किया गया है कि योजना का लाभ हर धर्म और जाति की बालिकाओं को मिले।
राज्य सरकार ने 2025 में इस योजना के लिए ₹300 करोड़ का बजट आवंटित किया है और 1.50 करोड़ लड़कियों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
योजना का प्रभाव
- लड़कियों के लिंग अनुपात में सुधार हुआ है।
- बाल विवाह और दहेज जैसी कुप्रथाओं को रोकने में मदद मिली है।
- बालिकाओं की शिक्षा में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
- राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह योजना मील का पत्थर साबित हुई है।
महत्वपूर्ण सुझाव
- माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वे आवेदन करने से पहले सभी आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करें।
- योजना की हर नई जानकारी और अद्यतन के लिए ई-कल्याण पोर्टल पर नियमित रूप से विजिट करें।