बिहार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए पहली किस्त 10,000 रुपये दी जा रही है और जब उनका काम छह महीने स्थिर रूप से चलने लगता है, तब उन्हें आगे 2 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना खास तौर पर उन महिलाओं के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अपना छोटा व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं। योजना का लाभ केवल बिहार की निवासी महिलाओं को मिलता है और ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका/SHG से जुड़ी महिलाएं भी इसमें शामिल हो सकती हैं। योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना और परिवार की आमदनी बढ़ाना है।
योजना की पात्रता के अनुसार महिला की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक बिहार की स्थायी निवासी होनी चाहिए और परिवार की आर्थिक स्थिति सरकारी मानकों के अनुसार होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि यदि परिवार में कोई सदस्य आयकरदाता है, तो पात्रता प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, जिन महिलाओं का नाम जीविका समूह में पंजीकृत है, उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। आवेदन करते समय यह भी ध्यान दिया जाता है कि महिला किसी अन्य राज्य स्तरीय आर्थिक सहायता योजना का लाभ एक साथ नहीं ले रही हो।
| जानकारी | विवरण |
|---|---|
| योजना का नाम | मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना |
| राज्य | बिहार |
| लाभ | पहली किस्त 10,000 रुपये + आगे 2 लाख रुपये तक |
| पात्रता आयु | 18–60 वर्ष |
| आवास | बिहार की स्थायी निवासी महिलाएं |
| दस्तावेज | आधार, बैंक पासबुक, निवास प्रमाण, फोटो, मोबाइल नंबर |
| आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन या जीविका समूह के माध्यम से |
| पहली किस्त जारी | सितंबर 2025 |
| दूसरी किस्त | अक्टूबर 2025 |
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जिसमें बैंक का नाम और IFSC कोड स्पष्ट हो, पासपोर्ट आकार की फोटो, मोबाइल नंबर, निवास प्रमाण पत्र और उम्र से संबंधित प्रमाण पत्र शामिल हैं। ग्रामीण इलाकों में महिलाएं जीविका दीदी या ब्लॉक स्तर पर बनाए गए सहायता केंद्रों के माध्यम से आवेदन कर सकती हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में महिलाएं ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर स्वयं आवेदन कर सकती हैं। आवेदन प्रक्रिया में सबसे पहले पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना, फिर OTP वेरिफिकेशन और उसके बाद दस्तावेज़ अपलोड करना होता है। आवेदन सबमिट होने के बाद अधिकारियों द्वारा फील्ड वेरिफिकेशन किया जाता है, जिसके बाद पहली किस्त सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है।
योजना के तहत पहली किस्त सितंबर 2025 में लाखों महिलाओं को जारी की गई थी। वहीं, दूसरी किस्त यानी अगली 10,000 रुपये की राशि अक्टूबर 2025 में जारी होने की उम्मीद जताई गई थी। जिन महिलाओं का व्यवसाय सुचारू रूप से चलता रहता है, उन्हें आगे राज्य सरकार की तरफ से 2 लाख रुपये तक की सहायता मिल सकती है। इस मदद का उपयोग वे दुकान, सिलाई-कढ़ाई, पशुपालन, खाद्य-प्रसंस्करण, ब्यूटी पार्लर या किसी अन्य छोटे व्यवसाय को बढ़ाने में कर सकती हैं।
यदि आप आवेदन करना चाहती हैं तो आधिकारिक पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें और सभी दस्तावेज सही तरीके से अपलोड करें। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं जीविका दीदी की सहायता से अपना आवेदन जमा करा सकती हैं। आवेदन पूरा होने के बाद कुछ समय में वेरिफिकेशन टीम आपकी जानकारी की जांच करेगी और पात्र पाए जाने पर राशि आपके बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
यह योजना महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता देने और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जाती है। शुरुआत में दी जाने वाली 10,000 रुपये की राशि छोटे पैमाने पर कार्य शुरू करने में मदद करती है, जबकि आगे मिलने वाली 2 लाख रुपये की सहायता से महिलाएं अपने व्यवसाय को बड़े स्तर पर बढ़ा सकती हैं।


