अरविंद केजरीवाल की “मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना” का हाल ही में ऐलान किया गया, जो दिल्ली की महिलाओं के लिए एक बड़ी पहल मानी जा रही है। इस योजना के तहत, दिल्ली में रहने वाली 18 साल या उससे अधिक उम्र की सभी महिलाएं, जो आयकरदाता नहीं हैं और जिनके पास कोई सरकारी नौकरी या आय का अन्य साधन नहीं है, उन्हें हर महीने 1000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और उनके दैनिक जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
इस योजना का क्रियान्वयन दिल्ली सरकार के 2024-25 के बजट का हिस्सा है। केजरीवाल ने यह घोषणा अपनी पदयात्राओं के दौरान की, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस योजना से महिलाओं को अपने रोजमर्रा के खर्चों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। साथ ही, चुनाव के बाद इस राशि को बढ़ाकर 2100 रुपये प्रति महीना करने का भी वादा किया गया है
योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया को भी सरल रखा गया है। इच्छुक महिलाओं को दिल्ली सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना होगा। इसके लिए जरूरी दस्तावेजों में वोटर आईडी कार्ड अनिवार्य है। 13 दिसंबर से पंजीकरण शुरू हो चुका है, और इसके बाद हर पात्र महिला के खाते में यह राशि भेजी जाएगी
हालांकि, इस योजना को लेकर राजनीतिक विवाद भी देखने को मिला है। विपक्षी दल बीजेपी ने सवाल उठाया है कि इस योजना के लिए वित्तीय स्रोत कहां से आएंगे। इसके जवाब में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह हमेशा जनता के हित में काम करते हैं और इसे सफलतापूर्वक लागू करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मुफ्त बिजली, पानी और शिक्षा जैसी उनकी अन्य योजनाएं पहले ही सफल रही हैं और यह योजना भी उसी कड़ी का हिस्सा है
Kejriwal 1000 Rupees Scheme महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक साहसिक कदम है। यह न केवल उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ावा देगी। इस योजना की सफलता दिल्ली सरकार के प्रशासनिक कौशल और जनता के समर्थन पर निर्भर करेगी।
इस तरह की योजनाएं भारतीय राजनीति में नई संभावनाओं को जन्म देती हैं, जहां सरकारें सिर्फ वादे करने के बजाय उन्हें अमल में लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। क्या यह योजना दिल्ली की महिलाओं की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव ला सकेगी? यह देखने वाली बात होगी।