दिल्ली सरकार ने हाल ही में डॉ. अंबेडकर सम्मान छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों को विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता प्रदान करना है। इस पहल के तहत, दिल्ली सरकार इन छात्रों की शिक्षा, यात्रा, और रहने का पूरा खर्च वहन करेगी, जिससे वे विश्व के शीर्ष विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर सकें।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 21 दिसंबर 2024 को इस योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा, “मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि दलित समुदाय का कोई भी व्यक्ति उच्च शिक्षा से वंचित न रहे। इसके लिए मैं डॉ. अंबेडकर छात्रवृत्ति की घोषणा कर रहा हूं। अब दलित समुदाय का कोई भी छात्र जो दुनिया भर के शीर्ष विश्वविद्यालयों में पढ़ना चाहता है, दिल्ली सरकार छात्रों के दाखिले के बाद उनका खर्च वहन करेगी।
इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दलित समुदाय के छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर मिलें और वे आर्थिक बाधाओं के कारण अपने सपनों से वंचित न रहें। यह छात्रवृत्ति सरकारी कर्मचारियों के बच्चों के लिए भी लागू होगी, जिससे सरकारी सेवा में कार्यरत एससी/एसटी समुदाय के परिवारों को भी लाभ मिलेगा।
दिल्ली सरकार की यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में अग्रसर है। यह योजना बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों के प्रति सम्मान प्रकट करती है।
इस योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया, पात्रता मानदंड, और अन्य विवरणों की जानकारी दिल्ली सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। इच्छुक छात्र वहां से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आवेदन कर सकते हैं।
दिल्ली सरकार की यह पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में समानता स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाने और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
DR Ambedkar Scholarship Delhi Government के माध्यम से, दिल्ली सरकार ने यह संदेश दिया है कि शिक्षा सभी का अधिकार है, और किसी भी छात्र को आर्थिक बाधाओं के कारण अपने सपनों से समझौता नहीं करना चाहिए। यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बन सकती है, जिससे वे भी अपने यहां ऐसी योजनाओं को लागू करने पर विचार कर सकें।
दिल्ली सरकार की इस पहल की व्यापक सराहना हो रही है, और उम्मीद है कि इससे एससी/एसटी समुदाय के छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे और वे अपने सपनों को साकार कर सकेंगे।