दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना 2024 की घोषणा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार करने के उद्देश्य से की है। इस योजना के अंतर्गत, 18 वर्ष से अधिक आयु की प्रत्येक पात्र महिला को हर महीने ₹1000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह सहायता सीधे उनके बैंक खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से दी जाएगी।
महिला सम्मान योजना न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा को भी बढ़ावा देती है। सरकार का दावा है कि इस योजना से लगभग 50 लाख महिलाओं को लाभ मिलेगा। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके परिवारों के लिए स्थिरता लाने में मदद करेगी। सरकार ने इसके लिए 2024-25 के बजट में ₹2714 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष पात्रता मापदंड रखे गए हैं:
- महिला दिल्ली की मूल निवासी होनी चाहिए और उसके पास दिल्ली का वोटर आईडी कार्ड होना अनिवार्य है।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- वह किसी सरकारी नौकरी में नहीं होनी चाहिए, न ही किसी प्रकार का टैक्स भरती हो।
- पेंशन प्राप्त करने वाली महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
आवेदन के लिए जिन दस्तावेजों की जरूरत होगी, उनमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयु प्रमाणपत्र, बैंक पासबुक (आधार से लिंक), और निवास प्रमाणपत्र शामिल हैं।
महिला सम्मान योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इसके लिए सरकार जल्द ही एक आधिकारिक पोर्टल लॉन्च करेगी। आवेदन के लिए महिलाओं को अपनी व्यक्तिगत जानकारी और दस्तावेजों को पोर्टल पर अपलोड करना होगा। साथ ही, एक स्वघोषणा पत्र भी जमा करना होगा, जिसमें यह प्रमाणित करना होगा कि वह टैक्सपेयर्स या सरकारी कर्मचारी नहीं हैं।
इस योजना का मुख्य फोकस महिलाओं को उनकी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। ₹1000 की यह मासिक राशि उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा। योजना का उद्देश्य लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और महिलाओं को समाज में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि यह योजना सरकार की महिला कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस योजना के अंतर्गत सभी वर्गों की महिलाओं को समान अवसर देने का प्रयास किया जाएगा, ताकि वे सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकें।