बिहार सरकार ने बिहार लघु उद्यमी योजना 2025 की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थियों को अपने स्वयं के व्यवसाय स्थापित करने के लिए दो लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह कदम न केवल गरीबी उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य में रोजगार सृजन को भी प्रोत्साहित करेगा।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन परिवारों को सहायता प्रदान करना है जिनकी मासिक आय छह हजार रुपये से कम है। ऐसे परिवारों के एक सदस्य को व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक मशीनरी या उपकरण खरीदने में सहायता दी जाएगी। यह वित्तीय सहायता तीन किस्तों में प्रदान की जाएगी: पहली किस्त में परियोजना लागत का 25%, दूसरी में 50%, और अंतिम किस्त में शेष 25% राशि दी जाएगी। इस प्रकार, लाभार्थी अपने व्यवसाय की स्थापना और संचालन के विभिन्न चरणों में आवश्यक धनराशि प्राप्त करेंगे।
योजना के प्रभावी कार्यान्वयन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, राज्य और जिला स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। जिलाधिकारी इन समितियों के अध्यक्ष होंगे, जो योजना की निगरानी और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसके अलावा, प्रति इकाई प्रशिक्षण और परियोजना निगरानी के लिए पांच प्रतिशत की दर से अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी, जिससे लाभार्थियों को आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त हो सके।
बिहार लघु उद्यमी योजना 2025 के तहत विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिससे लाभार्थियों को अपने रुचि और कौशल के अनुसार व्यवसाय चुनने की स्वतंत्रता मिलेगी। इनमें खाद्य प्रसंस्करण, लकड़ी का फर्नीचर निर्माण, दैनिक उपभोक्ता सामान, ग्रामीण इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी आधारित मरम्मत और रखरखाव सेवाएँ, वस्त्र और होजरी उत्पाद, चमड़ा और संबद्ध उत्पाद, हस्तशिल्प आदि शामिल हैं। इस व्यापक दृष्टिकोण से राज्य में विविध उद्योगों का विकास होगा और स्थानीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग संभव होगा।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए, आवेदकों को कुछ आवश्यक पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा। सबसे पहले, आवेदक बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए और उसकी आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। परिवार की मासिक आय छह हजार रुपये से कम होनी चाहिए, और आवेदक के आधार कार्ड पर बिहार का पता अंकित होना आवश्यक है। इसके अलावा, जो लाभार्थी पहले से ही मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत लाभ प्राप्त कर चुके हैं, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए, ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की गई है। आवेदकों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करना होगा, जिसके बाद वे अपने यूजर आईडी और पासवर्ड के माध्यम से लॉगिन कर सकते हैं। लॉगिन करने के बाद, उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी, व्यवसाय से संबंधित विवरण और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। आवेदन फॉर्म को सावधानीपूर्वक भरने और आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने के बाद, फॉर्म को सबमिट करना होगा। सफलतापूर्वक आवेदन करने के बाद, आवेदकों को एक प्रिंटआउट निकालकर अपने पास सुरक्षित रखना चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया के बाद, लाभार्थियों का चयन कम्प्यूटरीकृत लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा, जिससे चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे। चयनित लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि वे अपने चुने हुए व्यवसाय में सफल हो सकें। प्रशिक्षण के दौरान, उन्हें व्यवसाय प्रबंधन, वित्तीय प्रबंधन, विपणन रणनीतियों आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिससे वे अपने उद्यम को सफलतापूर्वक संचालित कर सकें।
इस योजना के माध्यम से, बिहार सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में लगभग 94 लाख गरीब परिवारों को सशक्त बनाना है। यह पहल राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी और बेरोजगारी की समस्या को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
यदि आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन प्रक्रिया शुरू करें। ध्यान रखें कि आवेदन करते समय सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें और फॉर्म को सही-सही भरें, ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि से बचा जा सके। अधिक जानकारी और सहायता के लिए, आप टॉल फ्री नंबर 1800 345 6214 पर संपर्क कर सकते हैं, जो प्रत्येक कार्य दिवस को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक उपलब्ध है।
बिहार लघु उद्यमी योजना 2025 राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस योजना के माध्यम से, न केवल वे अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे, बल्कि राज्य की समग्र प्रगति में भी योगदान देंगे। इसलिए, इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाएँ और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम बढ़ाएँ।