छत्तीसगढ़ सरकार ने भूमिहीन कृषि मजदूरों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 20 जनवरी 2025 को “पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना” का शुभारंभ किया, जिसके तहत राज्य के भूमिहीन कृषि मजदूरों को प्रतिवर्ष 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
इस योजना का उद्देश्य उन परिवारों की आय में वृद्धि करना है जो कृषि भूमि के अभाव में मजदूरी पर निर्भर हैं।राज्य में लगभग 5,62,112 लाभार्थियों को इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा, जिसके लिए 562 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की गई है।
योजना के तहत लाभार्थियों में भूमिहीन कृषि मजदूरों के साथ-साथ वनोपज संग्राहक, चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी आदि पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े भूमिहीन परिवार शामिल हैं।इसके अतिरिक्त, अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों के पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी परिवारों को भी शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, बल्कि लाभार्थियों के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य को भी सुरक्षित बनाएगी।उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी का एक और वादा पूरा करता है, जो राज्य के विकास और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
इस योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया गया है, ताकि अधिक से अधिक पात्र लाभार्थी इसका लाभ उठा सकें।आवेदन फॉर्म संबंधित ग्राम पंचायतों और ब्लॉक कार्यालयों में उपलब्ध हैं, जहां से इच्छुक लाभार्थी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन कर सकते हैं। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी पात्र परिवारों तक यह सहायता समय पर पहुंचे, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सके।
इस पहल से राज्य के भूमिहीन कृषि मजदूरों में उत्साह और आशा की नई किरण जगी है।आर्थिक सहायता से न केवल उनकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति होगी, बल्कि उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा। यह योजना राज्य सरकार की सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत है।
छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बन सकती है, जहां भूमिहीन कृषि मजदूरों की स्थिति में सुधार लाने के लिए ऐसे कल्याणकारी कदम उठाए जा सकते हैं। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि समाज में समानता और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस प्रकार, “पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना” छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी, जो राज्य के समग्र विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।