PM Ujjwala Yojana 3.0 (PMUY) का तीसरा चरण अब आरंभ हो चुका है, जिसमें गरीब और वंचित परिवारों को FREE Gas Cylinder उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह योजना महिलाओं को स्वच्छ ईंधन प्रदान करने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत अब तक करोड़ों महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है, जिससे न केवल उनके घरों में धुआं मुक्त खाना पकाने का अवसर मिला है बल्कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति में भी सुधार हुआ है।
2023 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने PM Ujjwala Yojana का विस्तार करने का निर्णय लिया, जिसमें 75 लाख अतिरिक्त एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे। इसके साथ ही, अगले तीन वर्षों में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 10.35 करोड़ तक पहुंच जाएगी। इस PM Ujjwala Yojana 3.0 के तहत हर पात्र लाभार्थी को पहला Free Cylinder and chulha भी दिया जाता है। यह विस्तार उन परिवारों के लिए है जो अभी भी स्वच्छ ईंधन से वंचित हैं और लकड़ी या अन्य परंपरागत ईंधनों पर निर्भर हैं।
उज्ज्वला योजना के प्रभावशाली सामाजिक और आर्थिक परिणाम सामने आए हैं। स्वच्छ ईंधन से खाना पकाने से महिलाओं को धुएं से होने वाली बीमारियों से निजात मिली है। साथ ही, लकड़ी या गोबर के उपले इकट्ठा करने में लगने वाला समय और श्रम भी अब महिलाओं को नहीं करना पड़ता। इससे महिलाओं को अन्य आर्थिक गतिविधियों में संलग्न होने और परिवार की आय बढ़ाने में सहायता मिली है
हाल ही में, एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी को बढ़ाया है। 2025-26 के लिए योजना के तहत 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। यह सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। इससे गरीब परिवारों के लिए एलपीजी सिलेंडर खरीदना सस्ता और आसान हो गया है।
PM Ujjwala Yojana 3.0 Cylinder Kab Milega? के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर वितरण की शुरुआत सितंबर 2025 में की जाएगी। इस योजना के तीसरे चरण के तहत पात्र परिवारों को 2025 तक अतिरिक्त 75 लाख गैस कनेक्शन दिए जाएंगे, और हर पात्र परिवार को साल में 12 सिलेंडरों तक सब्सिडी मिलेगी। यह योजना गरीब और वंचित परिवारों को स्वच्छ ईंधन प्रदान करने के लिए शुरू की गई है ताकि वे धुएं रहित खाना बना सकें और स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकें।
स्वच्छ ईंधन का उपयोग न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण है। परंपरागत ईंधन जैसे लकड़ी और गोबर के उपले जलाने से निकलने वाला धुआं वातावरण में प्रदूषण फैलाता है, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को नुकसान होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में करीब 2.4 अरब लोग अभी भी ठोस ईंधन का उपयोग कर रहे हैं, जिससे हर साल लाखों मौतें होती हैं। उज्ज्वला योजना का लक्ष्य इन परिवारों को स्वच्छ ईंधन प्रदान कर उन्हें इन खतरों से बचाना है।
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि उज्ज्वला योजना के लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचे। इसके लिए 2025 तक 75 लाख अतिरिक्त कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही, हर वर्ष 12 सिलेंडर तक सब्सिडी देने का भी प्रावधान किया गया है ताकि गरीब परिवारों को सालभर गैस की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
- धुएं मुक्त रसोई: उज्ज्वला योजना से अब घरों में खाना बनाते समय धुएं की समस्या समाप्त हो गई है। इससे महिलाओं के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
- स्वास्थ्य सुधार: धुआं रहित ईंधन के उपयोग से महिलाएं और बच्चे श्वास संबंधी बीमारियों से सुरक्षित हो रहे हैं।
- समय की बचत: लकड़ी और अन्य ईंधनों को इकट्ठा करने में लगने वाला समय अब महिलाएं अन्य उत्पादक कार्यों में लगा रही हैं।
- महिलाओं की सुरक्षा: अब महिलाओं को जंगलों में अकेले जाकर लकड़ी इकट्ठा करने की आवश्यकता नहीं है, जिससे उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित हो रही है।
Maine last year ujjvala yojna ka form bhara tha but meri patni ko abhi tak iss yojna duara gas cylindar nhi mila h
Apne Status Check kiya tha ?